गुरमीत राम रहीम का जन्म 15 अगस्त, 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोडिया में जाट सिख परिवार में हुआ था। जब ये सात साल के थे तो 31 मार्च, 1974 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने इन्हें नाम दिया था। 23 सितंबर, 1990 को शाह सतनाम सिंह ने गुरमीत सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। अब इस बात की चर्चा है कि डेरा के अरबों की संपत्ति अब किसके नाम होगी।
हालांकि फैसले के बाद हुए बवाल से नाराज पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने डेरा की संपत्तियों को जब्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। फिर भी यह जानना जरूरी है कि गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद अब डेरा की सत्ता किसके साथ होगी। उम्मीद की जा रही है कि गुरमीत को 28 अगस्त को कम से कम 7 साल की सजा तो होनी है।
चर्चा इस बात की भी है कि मौजूदा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम आगे भी डेरा सच्चा सौदा की कमान संभाले रख सकते हैं। वे जेल से ही अपने साम्राज्य को चला सकते हैं। क्योंकि उन्होंने अब तक इस मामले में कोई घोषणा नहीं की है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि गुरमीत के बाद डेरा सच्चा सौदा की बागडोर उनके बेटे जसमीत सिंह इंसा संभालेंगे। बताया जाता है कि गुरमीत ने 2007 में जसमीत इंसा को अपना उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी जब सीबीआई ने गुरमीत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। परंतु ऐसा होना आसान नहीं लग रहा है।
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है डेरा का एक नियम। नियम के मुताबिक डेरा का अगला प्रमुख मौजूदा प्रमुख के परिवार या खानदान से नहीं हो सकता है। यहां आपको यह भी बता दें कि जसमीत के अलावा गुरमीत की दो बेटियां (चरणप्रीत इंसा और अमनप्रीत इंसा) भी हैं. बाबा की एक तीसरी बेटी भी है, हनीप्रीत इंसा, इनको गुरमीत ने गोद लिया था।
विपसना के अलावा डेरा में एक नाम और है जो मौजूदा डेरा प्रमुख गुरमीत का करीबी और वफादार माना जाता है। 35 साल की हनीप्रीत को विपसना के टक्कर में देखा जा रहा है। हनीप्रीत भी विपसना की तरह ही गुरु ब्रह्मचारी हैं। वो 7 पिछले सात सालों से डेरा प्रमुख के साथ हैं और उनकी खास मानी जाती है। हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम की सभी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। अगर डेरा प्रमुख अपनी सहमति देते हैं तो हनीप्रीत भी सत्ता संभाल सकती हैं।
बता दें कि हनीप्रीत इंसा गुरमीत राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हैं। इस वजह से इनकी नियुक्ति में डेरा प्रमुख के चयन का ऊपर लिखा परिवार वाला नियम भी आड़े नहीं आता है। हनीप्रीत का पलड़ा इसलिए भी भारी माना जा रहा है क्योंकि वे शुक्रवार को गुरमीत के जेल जाते वक्त भी उनके साथ थीं और उनका सामान लेकर उनके साथ चल रही थीं। चर्चा में एक और नाम है 35 साल की गुरु ब्रह्मचारी विपसना पर टिकी हुई हैं। विपसना डेरा में दूसरे स्थान पर मानी जाती हैं। वे ही हैं जिनके पास अपनी ओर से चीजों पर फैसला करने का एकमात्र अधिकार है।
विपसना ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई डेरा द्वारा चलाए जाने वाले गर्ल्स कॉलेज से ही पूरी की है। विपसना के अंडर 250 लोगों की टीम काम करती है जिसमें से करीब 150 महिलाएं हैं। विपसना डेरा द्वारा संचालित सामाजिक सेवा परियोजनाओं का संचालन करती हैं। जिनमें सेनाओं के लिए रक्तदान शिविर और असहाय और गरीब भक्तों के लिए समर्पित योजनाएं भी शामिल हैं।
डेरा की हरियाणा के सिरसा में लगभग 700 एकड़ खेती की जमीन है। तीन अस्पताल, एक इंटरनेशनल आई बैंक, गैस स्टेशन और मार्केट कॉम्प्लेक्स के अलावा दुनिया में करीब 250 आश्रम हैं। इसके अलावा डेरा के तमाम बैंक अकाउंट भी हैं जो अभी तक सामने नहीं आए हैं। डेरा प्रमुख के पास लग्जरी कारों का एक लंबा काफिला भी है।
डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 1948 में शाह मस्ताना महाराज ने की थी। शाह मस्ताना महाराज के बाद डेरा की गद्दी शाह सतनाम महाराज ने संभाली। उन्होंने साल 1990 में अपने अनुयायी संत गुरमीत सिंह को गद्दी सौंप दी। इसके बाद संत गुरमीत राम का नाम संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा कर दिया गया।