उत्तर प्रदेश में 75 नहीं अब हो सकते हैं 76 जिले! जानिए प्रशासन स्तर पर क्या योजना बनाई गई

रतन गुप्ता उप संपादक
जल्द ही उत्तर प्रदेश में 75 की जगह 76 जिले हो सकते हैं। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है। महाराजगंज जिले की फरेंदा तहसील सहित नौतनवा और गोरखपुर की कैंपियरगंज तहसील को मिलाकर नया जिला फरेंदा बनाया जा सकता है। इसके लिए प्रशासन स्तर पर रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई है।

*उत्तर प्रदेश में 76वां नया जिला बनाने की तैयारी शुरू*
महाराजगंज और गोरखपुर की तहसील शामिल करने का प्रस्ताव
1989 में गोरखपुर जिले को तोड़कर जिला बना था मराजगंज

यूपी के जिलों की संख्या

उत्तर प्रदेश में अब 76वां जिला बनाने की तैयारी को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है। महाराजगंज जिले की फरेंदा और नौतनवा तहसील सहित गोरखपुर की कैंपियरगंज तहसील को मिलाकर नया जिला बनाने के लिए महाराजगंज के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त ने जिलाधिकारी गोरखपुर को पत्र लिखकर सहमति मांगी है। पत्रक मिलने के बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि प्रदेश में अब 75 की बजाए 76 जिले होंगे।

जी हां आपको बता दें कि गोरखपुर से सटे महाराजगंज जिले का बंटवारा होने जा रहा है। इस जिले की फरेंदा तहसील को जिला बनाने के कवायद शुरू हो चुकी है। महाराजगंज तहसील के भूमि निर्धारण कमिश्नर (भू राजस्व विभाग) भीष्म लाल वर्मा द्वारा गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से 6 अगस्त 2024 को पत्र लिखकर सहमति मांगी है। पत्रक में लिखा गया है कि महाराजगंज जिले की नौतनवा, फरेंदा और गोरखपुर की कैंपियर गंज तहसील को मिलाकर एक जिला बनाया जाए। कृपया अपनी आख्या और संस्तुति आयुक्त गोरखपुर मंडल के माध्यम से परिषद को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

1989 में बना था महाराजगंज
अगर ऐसा हुआ तो तीन तहसील नौतनवा, फरेंदा और कैंपियरगंज को मिलाकर नया जिला फरेंदा बना दिया जाएगा। बता दें कि 2 अक्टूबर सन 1989 को गोरखपुर जिले को तोड़कर नया जिला महाराजगंज बनाया गया था।

नियम बन सकते हैं बाधा
हालांकि इस बारे में महाराजगंज के अपर जिला अधिकारी पंकज कुमार वर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि नए जिले के गठन से महाराजगंज जिले में सिर्फ दो तहसील निचनौल और सदर बचेंगी। उन्होंने बताया कि जिले के निर्माण के लिए कम से कम तीन तहसील का होना जरूरी होता है। वर्तमान में महाराजगंज जिले में चार तहसील हैं। सदर, निचनौल, फरेंदा और नौतनवा।

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