सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश एके सीकरी ने कॉमनवेल्थ सेक्रेट्रिएट आर्बिटल ट्रिब्यूनल के सदस्य का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। यह प्रस्ताव जीेएनएस द्वारा रिर्पोट दिए जाने और उसके बाद प्रिंट मीडिया में आये खबरों के बाद उन्होंने इसे ठुकराया। उन्होंने लिखित में अपना नाम वापस ले लिया है।
कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही उन्हें सीएसए ट्रिब्यूनल(CSAT)के सदस्य पद के लिए नामित करने का निर्णय लिया था। इस ख़बर के आने के बाद कांग्रेस ने सीकरी और मोदी सरकार में सांठ-गांठ होने का गंभीर आरोप लगा रही है।
ट्रिब्यूनल के संभावित सदस्य होने पर राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राफेल विमान घोटाला का आरोप लगाते हुए उन्होंने रविवार को ट्वीट किया कि राफेल घोटाला को कवर करने के लिए पीएम मोदी जी हर कुछ कर गुजरने को तैयार हैं। राहुल गांधी ने वही आरोप दोहराया कि पीएम मोदी डर से भाग रहे हैं।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी सरकार पर आरोप लगाए थे। उन्होंने रविवार को कहा था कि सरकार को उक्त ट्रिब्यूनल के खाली पड़े पद पर न्यायमूर्ति सिकरी को नामित करने पर ‘काफी बातों का जवाब देने’ की जरूरत है।
हम बता दें कि सीबीआई के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने में जस्टिस सीकरी की अहम भूमिका रही थी। इसके बाद से कांग्रेस लगातार उनकी भूमिका पर सवाल उठा रही थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी विवाद के चलते जस्टिस सीकरी ने अपना नाम वापस ले लिया।