नई दिल्ली
दुनिया में पैसेंजर्स सर्विसिज के लिए सबसे ज्यादा यूज होने वाले विमान बोइंग 737 में खराबी का अंदेशा है। कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में फ्लाइट्स पर बैन लगा है। विमान या तो बहुत कम यूज हुए या फिर रखे ही रहे। इससे उनमें तकनीकी खराबी का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी एयरलाइन रेगुलेटर ने सभी बोइंग 737 के इंस्पेक्शन का निर्देश दिया है। कंपनी ने खुद कहा है कि एयरलाइंस इंजन वॉल्व की जांच करें कि कहीं उसमें जंग तो नहीं लग गई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अगर कोई खराबी मिलती है तो बोइंग इंस्पेक्शन और रिप्लेसमेंट इंफॉर्मेशन देगी।
बोइंग ने 737 क्लासिक (सीरीज -300 to -500) और नेक्स्ट-जेन 737s (सीरीज -600 to -900) के लिए एडवायजरी जारी की है। कंपनी ने इंजन वॉल्व में जंग की जांच करने को कहा है। कंपनी का कहना है कि कोविड 19 के चलते कम डिमांड की वजह से विमान स्टोर किए गए या फिर कम यूज हुए, इनसे वॉल्व में जंग लगने का डर है। FAA ने जो निर्देश जारी किए हैं, उसमें कहा गया है कि विमानों को लंबे वक्त तक रखने के चलते दोनों इंजन के पावर खोने का खतरा है। FAA ने कहा है कि अगर जंग मिलती है तो एयरक्राफ्ट को सर्विस में वापस लाने से पहले वॉल्व को बदलना होगा।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने स्पाइसजेट, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस से कहा है कि वे अपनी फ्लीट में इन विमानों का इंस्पेक्शन करें। विस्तारा ने कहा कि उसके पास छह बोइंग 737 हैं जिनके इंस्पेक्शन पूरे हो चुके हैं। भारत में 25 मई के बाद से ही अधिकतर एयरक्राफ्ट जमीन पर थे क्योंकि लॉकडाउन प्रभावी था। इस दौरान कार्गो फ्लाइट्स चलती रहीं। अब घरेलू उड़ानें शुरू की गई हैं मगर फ्रीक्वेंसी कम है।