नई दिल्ली। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बोर्ड ऑफ़ क्रिकेट कण्ट्रोल इन इंडिया के अध्यक्ष सौरव गांगुली को आज एक पत्र भेजकर ड्रीम11 कम्पनी को आईपीएल का प्रायोजक बनाने पर अपना गुस्सा जताते हुए कहा की बोर्ड के इस निर्णय ने देश में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है ।कैट ने कहा कि ड्रीम11 और वीवो में कुछ फ़र्क़ नहीं है क्योंकि ड्रीम11 कम्पनी मे बड़ी मात्रा में चीनी कम्पनी टेंसेंट ग्लोबल ने निवेश किया हुआ है। कैट ने यह भी कहा कि ड्रीम11 को प्रायोजन की अनुमति देना एक तरह से करोड़ों देशवासियों की भावनाओं का अपमान करना है जो चीन ने अपने दुष्कर्मों से भारतीय लोगों में पैदा की गई है ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने गांगुली को भेजे पत्र में कहा की जून, 2020 में लद्दाख के गालवान में चीनी आक्रमण ने भारतीय सेना के 20 बहादुर सैनिकों की क्रूर, बर्बर और अमानवीय हत्या की है । चीन के ऐसे भयावह कृत्य ने देशवासियों में एक बहुत मजबूत चीन विरोधी वातावरण पैदा किया है जिसकी ज्वाला को समझते हुए केंद्र सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने में असाधारण और अनुकरणीय कदम उठाए और रेलवे एवं हाइवे में विभिन्न अनुबंधों में चीनी कंपनियों की भागीदारी पर कई प्रतिबंध भी लगाए। राज्य सरकारों की विभिन्न परियोजनाओं में भी चीनी कम्पनियों पर प्रतिबंध लगाए गए ।
कैट ने यह भी कहा जी यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी ईमानदारी के साथ “लोकल पर वोकल और “आत्मनिर्भर भारत” के अपने आह्वान पर लगातार जोर दे रहे हैं। इस तरह के असाधारण परिदृश्य की पृष्ठभूमि में बीसीसीआई ने एक ऐसी कंपनी का चयन किया, जिसमें पर्याप्त चीनी निवेश है, यह न केवल प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान और सरकार की वर्तमान नीति के विपरीत है बल्कि सरकार द्वारा चीनी कम्पनियों की भागीदारी को प्रतिबंधित करने के सरकार के प्रयासों के लिए भी एक झटका होगा।
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की ऐसे समय में जब कोरोना के कारण ओलंपिक और विंबलडन जैसे विश्व के मेगा खेल कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है, तो इस वर्ष आईपीएल को आयोजित करने का क्या औचित्य है?आईपीएल को भी दुनिया भर में अभूतपूर्व स्थिति के कारण रद्द कर दिया जाना चाहिए। भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने गांगुली से कहा कि “हम आपके और बीसीसीआई के अन्य सदस्यों द्वारा अनेक बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को गर्व के साथ ऊँचा रखने और देश के लिए प्रशंसा प्राप्त करने पर गरिमा अनुभव करते हैं लेकिन भारत के लोगों की चीन के प्रति भावनाओं की उपेक्षा और गलवान में हमारे महान सैनिकों के बलिदानों को एक तरफ़ रख चीनी निवेश वाली कम्पनी को टाइटल स्पॉन्सरशिप प्रदान करने के बाद क्या आप और बीसीसीआई के अन्य सदस्य अभी भी उसी जोश और उत्साह और गर्व के साथ तिरंगे को धारण करेंगे।