बस्ती । सत्ता केन्द्रित राजनीति ने जमीनी मुद्दे बदल दिये। जिस देश की बहुसंख्यक आबादी गरीबी रेखा के नीचे हो, दो जून रोटी का सवाल मुंह बाये खड़ा हो, बेरोजगारी लगातार बढ रही हो, कल कारखाने एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं ऐसे में केवल आलोचना, निन्दा से समाज सुधार नहीं हो सकेगा। इसके लिये समाज के उन वर्गो तक पहुंचकर उन्ही को ताकतवर बनाकर सामाजिक बदलाव लाना होगा। यह कहना है आम जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाबार्ड के पूर्व जनरल मैनेजर कृषि अर्थ शास्त्री डॉ. सत्येन्द्र नाथ पाण्डेय का। वे यहां रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुये डॉ. पाण्डेय ने कहा कि वे चाहते तो अन्य राजनीतिक दलों की तरह प्रदेश में सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ा सकते थे किन्तु वे अभी अच्छे लोगों की तलाश में हैं जो उनके संकल्पों को जमीनी धरातल पर उतार सकें।
कहा कि आजादी के बाद यदि राजनीतिक दलों ने जनता को जागरूक, शिक्षित, अधिकार सम्पन्न बनाने की दिशा में पहल किया होता तो देश में भूख से मौत जैसी स्थितियां पैदा न होती। कुछ लोगाों ने धारा और विचारधारा के नाम पर राजनीति को केवल सत्ता हासिल करने का माध्यम बना लिया और यहां से जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ वह मतदाताओं को खरीदने, लालच देने, साड़ी, कम्बल बांटकर उन्हें अपने पक्ष में करने तक पहुंच चुका है। देश की जनता शक्तिशाली हो, अपने विवेक से मताधिकार का प्रयोग करे, जनतंत्र की रक्षा के लिये आम जनता पार्टी का गठन किया गया है।
डा. पाण्डेय ने कहा कि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास जैसे बुनियादी जरूरतों को आम आदमी तक पहुंचाना, उन्हें राजनीतिक रूप से शिक्षित करना पार्टी का उद्देश्य है। आम जनता पार्टी का उद्देश्य आम जनता को साथ लेकर देश, समाज के हितों के लिये राजनीति करना है।
पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुये डॉ. पाण्डेय ने कहा कि अच्छे लोग ही समाज को सही दिशा दे सकते हैं। जब 5 हजार अच्छे लोगों की खोज पूरी हो जायेगी चरणबद्ध ढंग से उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को जागरूक किया जायेगा। कहा कि बिना कृषि क्षेत्र को मजबूत किये देश का विकास संभव नही है। हमारे पास बेहतर जलवायु है, उपजाऊ धरती है, इसके बावजूद यदि देश का अन्नदाता आत्महत्या को विवश है तो इसके लिये वे नीतियां जिम्मेदार हैं जिन्होने किसानों को कमजोर कर रखा है। बताया कि शीघ्र ही प्रत्याशी की घोषणा की जायेगी। जो आवेदन आये हैं उसका व्यवहारिक स्तर पर समीक्षा की जा रही है।