नई दिल्ली
किसान आंदोलन बुधवार को सातवें दिन जारी है और आगे की रणनीति बनाने के लिए आज टिकरी, सिंघू, बॉर्डर पर बैठक की। उन्होंने कहा जब तक सरकार इन 3 काले कानून को वापस नहीं लेगी, जब तक हम धरना प्रदर्शन करते है।किसान आंदोलन बुधवार को सातवें दिन जारी है और आगे की रणनीति बनाने के लिए सिंघू बॉर्डर पर किसान संगठनों के नेताओं की बैठक चल रही है। केंद्र सरकार के साथ हुई वार्ता विफल होने के बाद किसान नेताओं की यह बैठक काफी अहम है क्योंकि इसमें सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर भी वे विचार कर रहे हैं। सरकार ने किसान संगठनों को तीन दिसंबर यानी गुरुवार को फिर वार्ता के लिए बुलाया है। सिंघू बॉर्डर पर चल रही किसानों की इस बैठक में पंजाब के 30 किसान संगठनों के नेता मौजूद हैं। बैठक में जाने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने आईएएनएस से कहा कि किसानों की मांग है कि तीनों नये कृषि कानून को रद्द किया जाए, जबकि सरकार कमेटी बनाकर संशोधन की बात कर रही है। उन्होंने कहा, हमारी तो पहली मांग यही है कि जो नये कानून हैं (तीन कृषि कानून), उनको खत्म किया जाए, लेकिन सरकार कमेटी बनाने की बात करती है, जिसमें पांच सदस्य हमारी और पांच सदस्य उनकी तरह से हो।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की विज्ञान-भवन में हुई बैठक में किसानों की समस्याओं पर चर्चा हुई। इस बैठक में रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे। भाकियू नेता ने बताया कि बैठक में किसानों की अन्य मांगों पर भी चर्चा हुई और सरकार ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से नये कृषि कानून समेत अन्य मसलों पर सुझाव लिखित रूप में मांगे हैं। धवार की बैठक में किसान नेता इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंगलवार को हुई बैठक के बाद किसान नेताओं को उनके सुझावों और समस्याओं पर चर्चा करने के लिए तीन दिसंबर को बुलाया गया है। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार को हुई वार्ता के बाद किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को फिर तीन दिसंबर को दोपहर 12 बजे चौथे दौर की वार्ता के लिए बुलाया गया है। उनसे नये कृषि अधिनियमों से संबंधित विशिष्ट मुद्दों की पहचान करने और सरकार के साथ इन्हें दो दिसंबर को साझा करने को कहा गया है। सरकार उन मुद्दों पर तीन दिसंबर को विचार करेगी।
केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि भारत सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के कल्याण के लिए चर्चा करने के लिए सदैव तैयार है। विज्ञान भवन की बैठक के बाद, भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि राकेश टिकैत के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल एवं सोम प्रकाश से कृषि भवन में मिले। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बैठक भी बहुत ही अच्छे माहौल में हुई जिसमें बहुत सार्थक, सारगर्भित व उपलब्धिपूर्ण चर्चा रही। इन प्रतिनिधियों से भी अगले दौर की चर्चा होगी, जिसके पहले दो दिसंबर तक लिखित में सुझाव मांगे गए हैं।