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तेज बहाव में कट गया बहराइच-भिनगा फोरलेन, बहराइच से कटा श्रावस्ती मुख्यालय का संपर्क

बहराइच
नेपाल के पहाड़ों पर हो रही बारिश श्रावस्ती में कहर बनकर टूटी है। यहां सैकड़ों गांव राप्ती के सैलाब में डूब गए हैं। राप्ती नदी में आई उफान की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की शनिवार रात करीब 11 बजे अचानक श्रावस्ती मुख्यालय को जोड़ने वाला बहराइच-भिनगा फोरलेन पानी के तेज बहाव में कट गया। लक्ष्मणपुर गांव के पास बने दो पुलों में से एक क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि दूसरे पुल में दरारें पड़ गयी हैं। इसके चलते श्रावस्ती मुख्यालय का बहराइच जिले से संपर्क टूट गया है और आवागमन ठप है। पीडब्लूडी के इंजीनियर्स ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से राहत कार्य प्रभावित हो रहा है।
नेपाल के पहाड़ों पर 36 घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। नेपाल में कर्णाली, भादा और बबई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर तक ऊपर चल रहा है। इससे श्रावस्ती की राप्ती और बहराइच की सरयू नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। नेपाल के अर्ली वार्निंग सिस्टम ने श्रावस्ती और बहराइच प्रशासन को अलर्ट भी जारी किया। लेकिन अचानक पानी छोड़े जाने के कारण बचाव और राहत कार्य जैसे कदम नहीं उठाए जा सके। सबसे अधिक त्रासदी श्रावस्ती जिले में नजर आ रही है। इस जिले का आधा हिस्सा बाढ़ के सैलाब में डूब गया है। 150 से अधिक गांव जलमग्न हैं। जिनका जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोग घर की छतों पर डेरा डाले हुए हैं।

शनिवार रात अचानक बाढ़ के तेज बहाव के दबाव से सोनवा थाना क्षेत्र अंतर्गत बहराइच-भिनगा फोरलेन पर लक्ष्मणनगर के पास बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया। यहां राप्ती नदी पर फोरलेन को दो पुलों से जरिये बांटा गया है। लेकिन राप्ती की लहरों ने एक पुल को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। जबकि दूसरे पुल में भी दरारें पड़ने लगी हैं।इससे क्षेत्र में हाहाकार मच गया है। बहराइच से भिनगा मुख्यालय का संपर्क टूट गया है। अधारीपुरवा, लक्ष्मणनगर गांव के लोगों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। आनन फानन में पीडब्लूडी के इंजीनियर कृष्ण कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और मजदूरों के जरिये राहत बचाव कार्य शुरू कराया। मजदूरों ने फोरलेन को बचाने के लिए बोल्डर डाले हैं। लेकिन राप्ती की उफान के आगे बचाव कार्य नाकाफी हैं। राप्ती नदी का रौद्र रूप देख तटवर्ती इलाकों के गांवों में दहशत है।

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