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नीति आयोग और मुख्यमंत्री ने यूपी के विकास को लेकर पेश किया प्लान

लखनऊ
मुझे विश्वास है कि दिसंबर तक ऐसे 500 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र संचालित हो जाएंगे और बाकी भी जनवरी, 2018 तक शुरू हो जाएंगे। 100 बेड से कम क्षमता वाले जिला अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने का काम शुरू हो रहा है। आम जनमानस को स्वास्थ्य की सुविधा सुलभ हो और दवाएं सस्ती मिलें, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 1000 नए जनऔषधि केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश के विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि गोरखपुर में एम्स के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। प्रदेश में पांच नए मेडिकल कॉलेज के काम शुरू हो चुके हैं। पांच अन्य के प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार, सीईओ श्री अमिताभ कांत के साथ बैठक कर रहे हैं। बैठक में चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह व प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं। ओडीएफ की दिशा में काम करते हुए अब तक प्रदेश में करीब 38 लाख निजी शौचालय बनाए गए हैं। 6 जनपद अब तक ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं।
गंगा नदी के किनारे 1627 गांवों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है। हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर तक 30 जनपदों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाए और अक्टूबर 2018 तक पूरे प्रदेश को ओडीएफ घोषित करें। ओडीएफ की दिशा में काम करते हुए अब तक प्रदेश में करीब 38 लाख निजी शौचालय बनाए गए हैं। 6 जनपद अब तक ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं। गंगा नदी के किनारे 1627 गांवों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास के क्षेत्र में भी प्रदेश ने अच्छी प्रगति की है। हमने 3 लाख युवाओं को रोजगार के साथ जोड़ने का कार्य शुरू किया है। पहली बार प्रदेश में बेसिक शिक्षा में छात्रों की संख्या बढ़ी है और शिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार आया है।
हम अगले वर्ष से बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में एनसीईआरटी के सिलेबस को लागू करने जा रहे हैं। एंटी भू माफिया टास्कफोर्स ने अब तक 43 हजार हेक्टेयर जमीन को कब्जों से मुक्त कराया है। हम दिसंबर में इस पर एक बड़ा अभियान भी शुरू करने जा रहे हैं। रीजनल कनेक्टिविटी के लिए भी हमारी सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। नागर विमानन की एक पॉलिसी तैयार की गई है। जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सर्वे का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा अब तक करीब 1 लाख 80 हजार आवास शहरी क्षेत्रों में दिए जा चुके हैं। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए भी प्रदेश सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गांवों में 60,600 से अधिक स्वयं सेवी संगठन गठित किए हैं। ये कुपोषण और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर बहुत कारगर साबित हो सकते हैं। दुग्ध समितियों के माध्यम से भी लोगों को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
हमारा प्रयास है कि पहले प्रत्येक कमिश्नरी मुख्यालय पर एक डेयरी का संचालन किया जाए। दूसरे चरण में दो जिलों के बीच में एक डेयरी और तीसरे चरण में हर जिले में एक डेयरी का संचालन किया जाए। शिक्षा के मामले में भी प्रदेश में अभियान शुरू किया गया है। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि अप्रैल से जुलाई के बीच बेसिक शिक्षा में 1 करोड़ 53 लाख बच्चों ने प्रवेश किया। इन बच्चों की यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, जूते-मोजे और स्वेटर हम मुहैया करा रहे हैं।

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