दो तरह के नोटों की छपाई को लेकर राज्यसभा में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई। सदन की कार्यवाही जैस ही शुरू हुई, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) 500 रुपये के दो तरह के नोट छाप रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ ब्रायन, जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव और समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मामले को उठाने में कांग्रेस नेताओं का साथ दिया। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए यह मुद्दा उठाए जाने का विरोध किया।
सिब्बल ने एक तख्ती पर चिपकाए गए दो तरह के नोट दिखाते हुए कहा, “आरबीआई दो तरह के नोटों की छपाई कर रहा है। इनके आकार और डिजाइन अलग-अलग हैं..यह कैसे संभव है?” विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विमुद्रीकरण ‘इस सदी का सबसे बड़ा घोटाला है’।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ ब्रायन, जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव और समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मामले को उठाने में कांग्रेस नेताओं का साथ दिया। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए यह मुद्दा उठाए जाने का विरोध किया।
अपराह्न में प्रश्न काल के समय भी हालात ऐसे ही रहे। परेशान सभापति हामिद अंसारी ने पहले 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित की और फिर हंगामा थमता न देखकर कार्यवाही अपराह्न् एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन के नेता अरुण जेटली ने विपक्ष पर सदन में हर रोज ऐसे ‘बेकार’ के मुद्दे उठाने का आरोप लगाया। हंगामा न रुकते देख सभापति ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। लेकिन जब कार्यवाही फिर शुरू हुई, तब कांग्रेस सदस्य सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सभापति के आसन तक पहुंच गए।
संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं तो वे इसके लिए नोटिस दे सकते हैं। नकवी ने कहा, “आपको जवाब मिलेगा।” हालांकि, इसके बावजूद विपक्ष के नेता नारेबाजी करते रहे, जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।