जैसे मोदी, वैसी सोनिया

हमारी संसद में 9 अगस्त का 75 वां साल कैसे मनाया गया ? हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का सही-सही नाम ही पता नहीं। उन्होंने कहा कि ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन का नारा था- ‘करेंगे या मरेंगे’। नारा यह नहीं था। नारा था- ‘करो या मरो’। यह गलती मामूली गलती नहीं है। ऐसी गलती 5 वीं- 6ठीं कक्षा का छात्र भी नहीं करेगा। जो व्यक्ति आंदोलन के मुख्य नारे को ही नहीं जानता, उसको उस आंदोलन की कितनी समझ होगी ? उसका इतिहास-बोध कितना होगा ? उसे क्या पता कि उसमें गांधीजी की भूमिका क्या थी, सरदार पटेल की क्या थी और जवाहरलाल नेहरु की क्या थी ? आर्यसमाज और संघ जैसी अराजनीतिक संस्थाओं की भूमिका क्या थी ? ऐसा नहीं कि मोदी बे-पढ़े लिखे आदमी हैं। वे कहते हैं कि उनके पास विश्वविद्यालय की डिग्री है। यदि न भी हो तो क्या हुआ ? वे भारत के प्रधानमंत्री हैं। एक से एक इतिहास के विद्वान और अफसर उनकी सेवा-टहल में रहते हैं। वे उनसे ही पूछ लेते। हो सकता है कि उन्होंने ठीक ही बताया हो लेकिन मोदी तो तुकबंदी के शौकीन हैं। उन्होंने तुक भिड़ाई कि ‘करेंगे और करके रहेंगे’। इस तुकबंदी की खातिर उन्होंने अपनी मजाक उड़वा ली। खैर, यह तो आदत की मजबूरी है लेकिन उनके भाषण में बार-बार गांधीजी का नाम है लेकिन जवाहरलाल नेहरु का क्यों नहीं था ? यदि वे नेहरु का नाम भी लेते तो वे अपना सम्मान ही बढ़ाते। उनसे मैं यह उम्मीद नहीं करता हूं कि वे बाल गंगाधर तिलक, लाजपतराय और विपिनचंद्र पाल का नाम लेते। उन्होंने संकल्प-सिद्धि काल (2017 से 2022) का जो नारा दिया, वह तो प्रशंसनीय है लेकिन उसकी तुलना 1942 से 1947 के काल से करना तो हास्यास्पद ही है। विपक्ष की नेता और कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने तो मोदी को भी मात कर दिया। इस एतिहासिक अवसर पर प्रेरणादायक भाषण देने की बजाय भारत के स्वाधीनता-संग्राम पर बोलते-बोलते सत्तारुढ़ दल पर प्रहार करती रहीं। नाम लिये बिना वे संघ को घसीटती रहीं। मोदी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री पद की गरिमा घटाई। अगर वे नहीं घटाते याने स्वाधीनता संग्राम में कांग्रेस की भूमिका की तारीफ करते तो भी सोनिया गांधी वही पढ़तीं, जो वह पहले से लिखवाकर लाई थीं। सोनिया हिंदी में बोलीं, मैं खुश हुआ लेकिन उन्होंने जो कुछ बोला, उसने उन्हें मोदी से भी निचले पायदान पर उतार दिया। जब हमारे देश के ऊंची कुर्सियों पर बैठे हुए नेताओं का हाल यह हो तो क्या किया जाए ?

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