उत्तर प्रदेश के 25 जिले बाढ़ की चपेट में, 25.29 लाख लोग प्रभावित

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि उत्तर प्रदेश में इस वर्ष 25 जनपद बाढ़ की चपेट में आए हैं और 25.29 लाख जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई हैं, लेकिन प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों के जान-माल की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। योजना भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया, “बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सभी 25 बाढ़ प्रभावित जिलों में 984 चौकियां स्थापित की गई है, जिसमें से 440 चौकियां बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में हैं। इन जनपदों में बाढ़ पीड़ितों को चिकित्सा सुविधा उपलबध कराने के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है, जिसमें 458 चिकित्सीय दल तथा 303 सचल चिकित्सीय दल शामिल हैं।” उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी घटने पर मोबाइल मेडिकल टीम द्वारा गांव-गांव कैंप लगाकर जरूरतमंदों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीतापुर, गाजीपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोरखपुर, मऊ, संतकबीर नगर, फरूखाबाद, बिजनौर, बस्ती, बाराबंकी, मिर्जापुर, बदायूं, सिद्धार्थनगर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, फैजाबाद, महराजगंज, देवरिया, पीलीभीत तथा बलिया जनपद बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया, “इन संवेदनशील जनपदों में चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं, जो आवंटित जनपदों का भ्रमण कर आवश्यक औषधियों/विसंक्रमक (ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन टैबलेट आदि)/कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। साथ ही बाढ़ चौकियों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ तथा स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति पर भी निगरानी रखेंगे।” मंत्री ने बताया, “सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। डायरिया, बुखार, स्किन प्रोबलम की दवा के साथ-साथ एंटी वीनेम इंजेक्शन का भंडारण सुनिश्चित किया गया है। अब तक 79 लाख से अधिक क्लोरीन की टैबलेट तथा 15 लाख से ज्यादा ओआरएस के पैकेट बाढ़ प्रभावित जनपदों में उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इसके अलावा 1,735 ब्लीचिंग पाउडर की बोरियां, 4,227 डीडीटी तथा 7,441 लीटर मैलाथियॉन टैक्नी/पाइरेथ्रम भी भेजे जा चुके हैं। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को क्लोरीन टैबलेट तथा ओआरएस पैकेट का वितरण प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए गए हैं।” इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने बाढ़ प्रभावित सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिए कि क्लोरीन टैबलेट का वितरण प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए। क्लोरीन टैबलेट बांटते समय इसके प्रयोग की विधिवत जानकारी भी लोगों को दी जाए। पानी उबाल कर पीने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशुओं के कारण बीमारियां न फैले इसके लिए पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित कर पशुओं का टीकाकरण भी कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर नोडल अधिकारी से संपर्क कर तत्काल उसका निदान कराया जाए। बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 100 के पार हो चुका है और सैलाब के कारण अब तक करीब एक अरब रुपए की फसल नष्ट हो चुकी है। राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के बाढग़्रस्त जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान 5 और लोगों की मौत के साथ बाढज़नित हादसों में मरने वालों की तादाद बढ़कर 101 हो गई है। बाढ़ से ढाई लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में लगी फसल डूब गई है और किसानों को अब तक 6 करोड़ 58 लाख 84 हजार रुपए का नुकसान हो चुका है। अभी नुकसान के आकलन का काम जारी है। प्रदेश के 24 जिलों में करीब 27 लाख लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित इलाकों में 675 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इसके अलावा 341 राहत शिविरों और 252 राहत वितरण केन्द्रों की स्थापना की गई है। अब तक लगभग एक लाख 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। गोरखपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। इनकी रोकथाम के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग ने 8 टीमों का गठन किया है। डॉक्टर रवीन्द्र कुमार ने बताया कि बाढ़ से पूरी तरह डूबे इलाकों में 2-3 सदस्यो की पैरा मेडिकल टीम इन क्षेत्रों मे मरीजों को दवा आदि का वितरण कर रही हैं। इसके अलावा 11 स्टैटिक मेडिकल वैन के माध्यम से लोगों की जांच और निदान किया जा रहा है। इसके अलावा 16 हैल्थ कैंप लगाए गए हैं। जहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रोगियों के इलाज की व्यवस्था की गई है। इस बीच केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार घाघरा नदी एल्गिनब्रिज बाराबंकी, अयोध्या,फैजाबाद और तुर्तीपार, बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि राप्ती नदी का जलस्तर घट रहा है लेकिन यह अब भी रिगौली, गोरखपुर और बर्डघाट गोरखपुर में लाल चिह्न से ऊपर बना हुआ है।

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