राजनीतिक दलों की महत्तम आय ‘अज्ञात स्त्रोतों’ से, कहीं ये काला धन का स्त्रोत तो नहीं?

नई दिल्ली

देश के सबसे बड़े दो राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के खाते में 646.82 करोड़ रुपये की रकम ऐसी है, जिसे देने वालों का कोई अता पता नहीं है। चुनाव सुधार संस्था एडीआर ने दोनों दलों की अज्ञात स्रोतों से आई रकम का यह आकलन चुनाव आयोग को दिए गए 2015-16 के वित्तीय वर्ष के रिटर्न के विश्लेषण से किया है।

अज्ञात स्रातों के बारे में भाजपा ने कहा कि उसे यह आय स्वैच्छिक दानकर्ताओं से प्राप्त हुई है। वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि उसे यह आय पार्टी के कूपन बेचने से हासिल हुई है। अज्ञात स्रोतों में स्वैच्छिक दान, कूपन बिक्री, राहत कोष, मिश्रित आय और बैठकों व मोर्चा आयोजन के जरिये प्राप्त धन आता है। अज्ञात स्रोतों से यह आय तब सामने आई है जब भाजपा और कांग्रेस की आय में 2015-16 के वित्तीय वर्ष के दौरान क्रमश: 41 और 56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। भाजपा ने इस वर्ष 570.86 करोड़ रुपये आय होने की घोषणा की है। जबकि कांग्रेस ने 261.56 करोड़ रुपये की आय दिखाया है। भाजपा ने इस आय में 460.78 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोतों से आने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने इस मद में 186.04 करोड़ रुपये घोषित किए हैं।

वर्ष 2015-16 में भाजपा ने कुल 570.86 करोड़ रुपये की आय दिखाई। पार्टी ने वर्ष 2014-15 में 970.43 करोड़ रुपये कमाए थे। वर्ष 2015-16 में कांग्रेस ने अलग-अलग स्रोतों से 261.56 करोड़ रुपये कमाए। 2014-15 में पार्टी की आय 593.31 करोड़ रुपये थी। सीपीएम आय के मामले में कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर रही। 2015-16 में पार्टी की आय “107.48 करोड़ रही।

चंदा लेने का नया नियम

राजनीतिक दलों के लिए 20,000 रुपये से कम का चंदा देने वालों के नाम का खुलासा करना अनिवार्य नहीं था। लेकिन सरकार ने इस वर्ष से यह राशि घटाकर दो हजार रुपये कर दी है। राजनीतिक दलों को आयकर से पूर्ण छूट प्राप्त है, लेकिन उन्हें आय की जानकारी चुनाव आयोग को देनी आवश्यक है।

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