टीचरों की सैलरी रोकने के यूपी सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट की रोक

इलाहाबाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर हाईस्कूल शंकरगंज जौनपुर में पढ़ा रहे अध्यापकों जगदीश प्रसाद मिश्रा व पांच अन्य टीचरों के वेतन रोकने के प्रदेश सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुकदमे की अगली सुनवाई की तिथि इस साल 13 नवम्बर तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा और इन टीचरों का वेतन भुगतान सरकारी खजाने से किया जाए। याचिका में कहा गया था कि वर्ष 1996 में उनकी नियुक्ति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के पश्चात की गयी थी। नियुक्ति के बाद से उन्हें सरकारी खजाने से नियमित वेतन का भुगतान होता चला आ रहा है। याचिका दाखिल कर प्रदेश सरकार के 31 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी गयी थी जिसके द्वारा सरकार ने बिना पद पर इन टीचरों के काम करने को आधार बनाते हुए इनके खिलाफ आदेश पारित कर दिया था और कहा था कि इनकी नियुक्ति गलत है। इन टीचरों के पक्ष में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कोर्ट का कहना था कि सरकार ने अपने आदेश में इस बात से इंकार नहीं किया है कि सभी टीचरों की नियुक्ति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के बाद की गयी थी और वे अपने पदों पर काम करते हुए वेतन आहरित कर रहे हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार ने इसी साल 31 जुलाई को शासनादेश जारी कर सरप्लस काम कर रहे टीचरों को वेतन भुगतान का आदेश दे रखा है। न्यायालय ने विपक्षी को नोटिस जारी कर सरकार के 31 जुलाई के आदेश पर रोक लगा दी है तथा याचिका की अगली सुनवाई 13 नवम्बर को करने का निर्देश दिया है।

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