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मम्मी-पापा माफ कर दीजिएगा: ‘मेरे जिंदा रहने का मतलब नहीं, अच्छा कर सकती थी…’ सुसाइड नोट लिख छात्रा ने दी जान


रतन गुप्ता उप संपादक

छात्रा प्रिया मूलरूप से जनपद संतकबीरनगर के बखीरा थानाक्षेत्र के गांव मेडरापाल की रहने वाली थी। वह गजरौला में हाईवे स्थित संजीवनी कॉलेज में बीएएमएस प्रथम वर्ष में पढ़ती थी।

मम्मी, पापा, भाई सब लोग मुझे माफ कर दीजिएगा.. मैं आप सबके लिए कुछ भी नहीं कर पाई… बहुत कुछ करना था आप लोगों के लिए… मुझे माफ कर दीजिएगा…। इन अल्फाजों के साथ गजरौला में एमडीए कॉलोनी में किराये के मकान में रहने वाली बीएएमएस प्रथम वर्ष की छात्रा प्रिया (27) ने घर के कमरे में फंदे पर लटक कर जान दे दी। उसने दो पेज का सुसाइड नोट अपनी डायरी में छोड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। छात्रा के इस आत्मघाती कदम से हर कोई अचंभित है।

छात्रा प्रिया मूलरूप से जनपद संतकबीरनगर के बखीरा थानाक्षेत्र के गांव मेडरापाल की रहने वाली थी। वह गजरौला में हाईवे स्थित संजीवनी कॉलेज में बीएएमएस प्रथम वर्ष में पढ़ती थी। गजरौला की एमडीए कॉलोनी में किराये के मकान में रहती थी। मंगलवार की रात छात्रा के भाई ने मकान मालिक ने पास कॉल करके प्रिया द्वारा फोन नहीं उठाने की बता कही। जिसके बाद मकान मालिक ने प्रिया के कमरे की खिड़की से देखा तो उनके होश उड़ गए। छात्रा प्रिया का शव दुपट्टे के सहारे फंदे पर लटका था।
मकान मालिक ने ये बात छात्रा के भाई को बताई और पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर हरीश बर्धन सिंह मौके पर पहुंच गए और जांच पड़ताल की। एसपी कुंवर अनुपम सिंह के निर्देश पर फिंगरप्रिंट और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। सीओ श्वेताभ भास्कर ने मौका मुआयना किया। सीओ ने बताया कि छात्रा की डायरी में दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने खुद के आत्महत्या करने के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। छात्रा ने आत्महत्या क्योंकि की, इसकी असलियत का पता लगाया जा रहा है। मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों की तहरीर के आधार पर जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुसाइड नोट में ये लिखा
मम्मी, पापा, भाई सब लोग मुझे माफ कर दीजिएगा। मैं आप सबके लिए कुछ भी नहीं कर पाई। बहुत कुछ करना था आप लोगों के लिए। पापा मेरे से नहीं हो पा रहा। मेरे से मेरा काम भी नहीं हो पा रहा। मेरा सपना था डॉक्टर बनना, वह भी नहीं कर पाई। हम जाहिल, अनपढ़, गवार लड़की हैं। मेरा जिंदा रहने का कोई मतलब नहीं। मुझे मर जाना चाहिए। आपके सारे पैसे बर्बाद कर दिए बस। हम बहुत कुछ अच्छा कर सकते थे, लेकिन कर नहीं पाए। ऊपर से बीमारी का बहाना करके आप सबको बस परेशान ही किया है हमेशा। हम आप सब से बहुत प्यार करते हैं। मेरी गलती के लिए मुझे माफ कर दीजिएगा। अपना और आपका सबका सपना तोड़ कर जा रहे हैं। यह सब कुछ हम अपनी मर्जी से कर रहे हैं। इसमें किसी का कोई हाथ नहीं है, ना ही किसी और की वजह से परेशान हैं। -प्रिया सिंह

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